मुजफ्फरनगर। फिरौती के लिए दो ग्रामीणों का अपहरण कर उनकी हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश भारद्वाज ने एक आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा समुचित साक्ष्य ना पेश किए जाने के कारण 5 लोगों को बरी कर दिया गया। थाना पुरकाजी के ग्राम नगला दुहेली में ज्ञान सिंह 25 व राजपाल 45 का दो लाख रुपये की फिरौती के लिए अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई थी।
अभियोजन पत्र के अनुसार जनपद थाना पुरकाजी क्षेत्र के गांव नंगला दुहैली निवासी महावीर पुत्र हरचन्द ने थाना पुरकाजी पर 8 दिसम्बर 2011 को मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसका बेटा ज्ञान सिंह व उसके गांव का निवासी राजपाल पुत्र चन्द्रभान गांव से गेहूं का बीज लेने किसान सहकारी समिति खाईखेड़ी गये थे। देर तक भी वे वापिस नहीं आये तो तलाश किया मगर दोनों फिर भी नही मिले। इस घटना की पुलिस ने गुमशुदगी लिख कर मुकदमा दर्ज कर लिया था। मगर 12 दिसम्बर को वादी महावीर को एक फोन आया और उससे दोनों लडकों की रिहाई के लिए 2 लाख रूपये की फिरौती मांगी गयी। पुलिस ने उस फोन की जांच की तो वह फोन कलीम उर्फ काला पुत्र नसीम निवासी सीकरी थाना भोपा का पाया। पुलिस ने कलीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो कलीम की निशान देही पर ज्ञान सिंह व राजपाल की लाश 19 दिसम्बर को नरेन्द्र पुत्र हरफूल निवासी दतियाना थाना छपार के ईख के खेत से बरामद की गई। पूछताछ के दौरान कलीम ने पुलिस को बताया कि उसने फिरौती न मिलने पर 15 दिसम्बर को अपने साथियों की मदद से ज्ञान सिंह व राजपाल की हत्या कर दी थी। इसमें कलीम के साथ जावेद पुत्र खलील निवासी सीकरी, जावेद पुत्र अनीस निवासी रामपुरी थाना शहर कोतवाली मुजफ्फरनगर, फुरकान पुत्र शेरअली निवासी रामपुरी थाना शहर कोतवाली, अरशद उर्फ छोटा पुत्र मोहसिन निवासी कांसोपुर थाना छपार, ताहिर पुत्र शादी निवासी लाडपुर थाना लक्सर जनपद हरिद्वार, इरशाद पुत्र परवश निवासी नया गांव थाना भोपा शामिल रहे । इस मुकदमें की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश भारद्वाज की अदालत संख्या 11 में हुई । इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने मुकदमे को सिद्ध करने के लिए 14 लोगों की गवाही कराते हुए अपनी दलील व सबूत पेश किये।
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील व सबूतों के साथ गवाहों के बयानात पर गौर करते हुए अभियुक्त कलीम उर्फ काला पुत्र नसीम को अपहरण व हत्या करने का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई इसके बाद उसे जेल भेज दिया। मगर अभियोजन पक्ष द्वारा अभियोग साबित करने में विफल रहने के कारण जावेद पुत्र खलील निवासी सीकरी, जावेद पुत्र अनीस निवासी रामपुरी थाना शहर कोतवाली मुजफ्फरनगर, अरशद उर्फ छोटा पुत्र मोहसिन निवासी कांसोपुर थाना छपार, ताहिर पुत्र शादी निवासी लाडपुर थाना लक्सर जनपद हरिद्वार, इरशाद पुत्र परवश निवासी नया गांव थाना भोपा को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में एक अन्य सह अभियुक्त फुरकान पुत्र शेरअली निवासी रामपुरी थाना शहर कोतवाली की दौरान-ए-सुनवाई मुकदमा मौत हो गयी थी।
अपहरण के बाद दोहरे हत्याकांड में फांसी की सजा