एनसीआर से मुक्ति मांग रहे वेस्ट यूपी के उद्यमी

मुजफ्फरनगर।  गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा को अपनी पीड़ा सुनाते हुए उद्यमियों ने मुजफ्फरनगर जनपद और आसपास के जिलों को एनसीआर से बाहर करने की मांग करते हुए कहा कि इससे उद्योगों को लाभ होने के बजाय तमाम कानूनों के शिकंजे के चलते नुकसान उठाना पड़ रहा है।
भाजपा के कश्मीर को लेकर चलाए जा रहे अभियान के दौरान गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा ने आज यहां पहुंच कर विभिन्न कार्यक्रमों में धारा 370 तथा 35 ए हटाए जाने के सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इस निर्णय के बाद कश्मीर में विकास की नई किरण पहुंचेगी। प्रमुख उद्यमी भीमसेन कंसल के नेतृत्व में तमाम उद्यमियों ने आशा शर्मा का स्वागत किया।  इस मौके पर उन्होंने एक ज्ञापन भी उन्हें दिया। इसमें जिले को एनसीआर से हटाने समेत उद्यमियों से संबंधित विभिन्न मांगें शामिल थीं। इन्हें लेकर मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस पर वे उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात केंद्र सरकार के मंत्रियों व अधिकारियों से कराकर इन समस्याओं का समाधान कराएंगी। उद्यमियों  ने उनके समक्ष अपनी समस्याएं रखीं। भीमसेन कंसल ने कहा कि वेस्ट यूपी के उद्योगों ने पर्यावरण के मानकों का सख्ती से पालन किया है। इसके बावजूद एनसीआर मेंं शामिल किए जाने के बाद उद्योगों को राहत मिलने के बजाय कई तरह के ऐसे कानूनों का सामना करना पड़ रहा है, जो उद्योगों के विकास में बाधक बनने के साथ उत्पीडऩ का कारण बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमी सरकार के साथ है, लेकिन प्रधानमंत्री गुजरात की तर्ज पर यहां भी उद्योगों के विकास के लिए योजना चलाएं। उन्होंने कहा कि आज बैंक ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं और अपने किसी परिचित से पैसा लेकर उद्यमी काम में नहीं लगा सकते हैं। उद्यमियों ने मंदी रोकने के लिए लघु उद्योगों को भी प्रोत्साहन देने पर जोर दिया। पेपर मिल ऐसोसिएशन के उत्तर भारत अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने कहा कि मुजफ्फरनगर में 17 लाख टन कागज का निर्माण होता है और कागज बनाने वाला यह देश का सबसे बड़ा जिला है। तमाम उद्योगों ने पर्यावरण की दृष्टि से नियमों का सख्ती से पालन किया है। यहां कागज के निर्माण में पेड़ों का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता और पर्यावरण को क्षति नहीं पहुंचाई जाती। उद्यमियों ने एमडीए द्वारा वर्षों पुराने उद्योगों को नक्शे पास कराने के लिए नोटिस जारी किए जाने पर घोर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य उत्पीडऩ के अलावा कुछ नहीं है। उद्यमियों ने सीएनजी की अनिवार्यता के प्रस्ताव को भी उद्योगों के लिए खतरनाक बताया। राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने भी उद्यमियों की समस्याओं को लेकर आश्यक कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। इस मौके पर पूर्व विधायक अशोक कंसल, अरविंद राज शर्मा, सुधा शर्मा, रघुराज गर्ग, अनिल गर्ग, राकेश बिंदल, संजीव जैन, अक्षय जैन, अजय पालीवाल, देवेश बंसल, प्रसून अग्रवाल, अजय जैन सीए, दिनेश मोहन एड, सुभाष गोयल तथा मनीष कपूर आदि मौजूद रहे।