मुजफ्फरनगर। सरकार द्वारा अनाथ और वृ( आश्रमों का संचालन करने के लिए बनाये गये सख्त नियमों के कारण कई बेसहारा और अनाथ बच्चों के सिर से छत छिनने का खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसे में 50 से अधिक अनाथ और विकलांग बच्चों को एक मां बनकर अनाथ आश्रम में पाल रही महिला पुलिस प्रशासन के सख्त रवैये के चलते विरोध दर्ज कराने डीएम कार्यालय पर पहुंची है। इस महिला ने इन बच्चों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज को बुलन्द करने के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाया है। यह महिला पिछले करीब डेढ दशक से इन बच्चों का पालन पोषण करने के साथ ही इनको शिक्षित बनाने के लिए भी संघर्ष कर रही है, लेकिन अब डीएम से पीड़ा साझा करने पहुंची। पुलिस लगातार आश्रम बन्द करने की चेतावनी देकर उत्पीड़न कर रही है। डीएम से मदद की गुहार की गयी है।
मंगलवार को एक महिला विकलांग और अनाथ बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची। इस महिला के साथ आये बच्चों के हाथों में कुछ तख्तियां भी नजर आ रही थी। इन तख्तियों पर डीएम साहिबा से एक मार्मिक अपील थी। कुछ नारे थे और इन नारों में छिपी अनाथ बच्चों की व्यथा भी थी। इस महिला ने डीएम के नाम दिये प्रार्थना पत्र में बताया कि वह शुक्रताल में अखिल भारतीय विकलांग एवं अनाथ सेवा समिति के द्वारा संचालित अनाथ आश्रम से हैं। ये बच्चे अनाथ आश्रम में ही रहते हैं। इस आश्रम की स्थापना विरेन्द्र राणा के द्वारा करीब डेढ दो दशक पूर्व की गयी थी। आश्रम में विकलांग व असहाय अनाथ बच्चों के लिए शिक्षा, भोजन, चिकित्सा, वस्त्र व रहन सहन आदि सभी सुविधायें निःशुल्क दी जाती हैं। महिला ने बताया कि वह काफी वर्षों से आश्रम में बेसहारा बच्चों के पालन पोषण का कार्य उनकी मां बनकर कर रही है। महिला ने बताया कि पिछले दिनो 28 अगस्त को जिला बाल संरक्षण अधिकारी की ओर से आश्रम को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें सभी उचित प्रपत्रों को उनके कार्यालय में जमा कराते हुए पंजीकरण कराने के लिए दिशा निर्देश दिये गये थे। महिला ने कह कि इन आदेशों के अनुपालन में आश्रम से जुड़े सभी प्रपत्र जो भी उनके पास उपलब्ध थे, पूरे रिकार्ड के साथ जिला संरक्षण अधिकारी को उपलब्ध करा दिये गये थे। इसके बाद 13 सितंबर को उनके द्वारा आश्रम को फिर से नोटिस देते हुए प्रपत्रों को अधूरा बताते हुए कार्यवाही करनेकी बात कही थी। प्रपत्र पूरे नहीं होने पर आश्रम को बन्द कराये जाने की चेतावनी दी गयी। इसके साथ ही बीते दिन थाना भोपा से पुलिसकर्मी आश्रम पहुंचे थे और आश्रम को अवैध बताते हुए उसे बन्द करने के लिए कहा। इससे उत्पीड़न बढ़ रहा है। महिला ने कहा कि हम यहां पर डीएम से मिलकर अपनी पीड़ा और बच्चों की व्यथा को रखने के लिए आये हैं। आश्रम की संचालिका इस महिला ने कहा कि हम आश्रम को संचालित करने और इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए डीएम से सहयोग की प्रार्थना लेकर आये हैं। यदि आश्रम को बन्द करा दिया गया है तो इन छोटे छोटे बेसहारा बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा। वह एक मां बनकर इन बच्चों के भविष्य को बर्बाद होता नहीं देख सकती है। महिला ने कहा कि वह आश्रम से जुड़े जो भी दस्तावेज हैं उनको पूर्ण करने का प्रयास कर रही हैं। इसके लिए प्रशासन उनको सहयोग के साथ ही समय भी प्रदान करे। थाना भोपा पुलिस को भी आदेश दिया जाये कि आश्रम में जाकर उत्पीड़न ना किया जाये।
मां के साथ इंसाफ मांगने पहुंचे बेसहारा बच्चे