शांति का माहौल रहने से पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली

मुजफ्फरनगर। अयोध्या प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद नगर की कानून व्यवस्था पूरी तरह चुस्त दुरूस्त रही और चारों तरफ शांति का माहौल रहने से पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है।सहारनपुर के मंडलायुक्त संजय कुमार, डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल, जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे., एसएसपी अभिषेक यादव, सीडीओ आलोक यादव, एसपी सिटी सतपाल अंतिल, एडीएम प्रशासन अमित कुमार सिंह, एसपी देहात नेपाल सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार, सीओ सिटी दीक्षा शर्मा समेत सभी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तथा सभी थानाध्यक्ष पुलिस फोर्स के साथ लगातार भ्रमण करते रहे और जनपद में कानून व्यवस्था बनाये रखने में अपना सहयोग दिया। 
फैसले के दिन जनपद में कोई भी अप्रिय घटना घटित न होने से पुलिस-प्रशासन को इसका श्रेय जाता है, जिसने पहले से ही इतनी चाक-चौबंद व्यवस्था की। जनपद की जनता ने भी पुलिस-प्रशासन का सहयोग करते हुए यह साबित करके दिखा दिया कि मुजफ्फरनगर का नाम मौहब्बतनगर क्यों है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के साथ ही पुलिस व प्रशासनिक अध्किारी लगातार भागदौड में जुट गये और संवेदनशील व अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में गस्त करते हुए विशेष निगरानी रखी गयी, ताकि कोई अप्रिय घटना न घट जाये। आज सुबह जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाना शुरू किया, तो लोगों में अलग सी हलचल दिखने लगी। ज्यादातर लोग टीवी पर चिपके रहे और आंखे गडाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते रहे। संतुलित फैसला आने के कारण सभी वर्गों में खुशी की लहर दौड गयी। हालांकि पुलिस प्रशासन की सख्ती के बावजूद कोई भी जश्न नहीं मना सका। पुलिस-प्रशासन ने पहले ही सख्त हिदायत दे दी थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसी भी तरह का कोई आयोजन नहीं किया जायेगा और किसी की भी धर्मिक भावनाओं को भड़काने का काम न किया जाये। यहीं कारण रहा कि कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं घट सकी और सभी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दिल से स्वीकार किया। आज का दिन पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से गुजर जाने के बाद पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली है। इस पूरे मामले में सबसे बडी बात यह रही कि खुफिया विभाग भी पूरी तरह अलर्ट रहा और पल-पल का इनपुट भी अधिकारियों को दिया गया, जिसके चलते कोई भी अप्रिय घटना नहीं घट सकी है। पुलिस-प्रशासनिक अध्किारी पहले से ही पूरी तैयारी में जुटे हुए थे और लगातार सदभावना गोष्ठी, शांति समिति की बैठक, पैदल गस्त, फ्लैगमार्च के साथ-साथ स्कूल व कॉलेजों में गोष्ठी कर छात्र-छात्राओं को भी शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग देने की अपील की थी, जिसका असर आज पूरी तरह देखने को मिला।