एसएसपी की पुलिस को सख्त नसीहत

मुजफ्फरनगर।  अपराध और अपराधीयो को लेकर युवा एसएसपी के तेवर सख्त हैं । उन्होने पुलिस आमले को तमाम नसीह्तें देते हुए अपने दायित्व के प्रति सचेत किया है ।


सोशल मीडिया पर वायरल हुई एसएसपी अभिषेक यादव की वायरलैस सेट पर वार्ता की ऑडिया ने जनपद में हो रही पुलिसिंग को लेकर उनकी चिंताओं से कई सवाल खड़े किये हैं। जनपद में करीब पांच माह का कार्यकाल पूर्ण कर चुके एसएसपी अभिषेक यादव अपनी ही पुलिस की कार्यप्रणाली से दुखी नजर आ रहे हैं। वह नाराज हैं कि पीआरवी के कर्मचारी समाज में सुरक्षा का माहौल पैदा करने के लिए ड्यूटी पर नींद पूरी कर रहे हैं। चौकियों को दरोगाओं ने आरामगाह बना दिया है और चौराहों को गुण्डागर्दी के अड्डे बनाकर रख दिये गये हैं। खाकी का खौफ बदमाशों के बजाये आम लोगों में ज्यादा दिखाई देता है। पुलिस कप्तान ने इस बात पर भी नाराजगी जतायी कि लगातार निर्देशों के बावजूद भी बेसिक पुलिसिंग को छोड़कर रूटीन पुलिसिंग की जा रही है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को नौकरी नहीं कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही लापरवाही को लेकर कार्यवाही की भी चेतावनी देने का काम किया है। एसएसपी के इस ऑडिया के वायरल होने से पुलिस विभाग में भी हड़कम्प मचा हुआ है।  अभी तक फ्लैग मार्च के दौरान ओपन हाउस में एसएसपी अभिषेक यादव पुलिस कर्मियों और अफसरों को बेसिक पुलिसिंग का पाठ पढ़ाते नजर आये हैं, लेकिन इसका कोई भी असर पुलिस व्यवस्था पर नहीं दिखाई दिया। ऐसे में पुलिस की लचर हो रही व्यवस्था को लेकर कप्तान अभिषेक यादव ने वायरलैस सेट पर थानों और चौकियों को सम्बोधित किया। उनके इस सम्बोधन का ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें कप्तान अपनी ही पुलिस के रवैये से काफी नाराज है। अभिषेक यादव ने कहा कि मैं किसी भी समय क्षेत्र में निकल जाऊं, मजाल है कोई पुलिसवाला मिल जाये। पीआरवी घूमती मिल जाये, चीता मिल जाये तो बहुत बड़ी बात है। हां, लेकिन फोटो जरूर आयेंगे, 250 फोटो डेली। कप्तान कहते हैं, सादे में अपने थाना क्षेत्र में जाकर खड़े हो जायें, मार्किट में असलियत पता चल जायेगी हमारी, किसी दिन अपने परिवार के साथ चले जायें बिना किसी सुरक्षा के और ये वो बोल रहा हूं जो मैने किया है, इसी जनपद में। यानि एसएसपी ने सादे में घूमकर सुरक्षा बंदोबस्त को परखने का काम किया है। एसएसपी ने कहा कि जनपद में कहीं से भी सुरक्षा की भावना नहीं आती है। कहीं ऐसा नहीं लगता कि हम सभी सुरक्षित हैं। सारे लड़के घूमते हैं, दो-दो, तीन-तीन मोटरसाइकिलों पर, चिल्लाते हैं, गुण्डे किस्म के आवारा गर्दी करती है। पुलिस कहीं भी नजर नहीं आती है। सड़कों पर अतिक्रमण है, पैदल निकलना ही दूभर हो रहा है। फुट पैट्रोलिंग में हम क्या कर रहे हैं, पता नहीं चलता है। एसएसपी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बार बार ये आदेश दिये गये हैं। ये बेसिक काम है पुलिस का, लेकिन बेसिक पुलिसिंग के बजाये रूटीन पुलिसिंग में जुटे हुए हैं सभी। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि शाम को हर रैंक का अफसर फील्ड में होगा दो घंटे के लिए, यदि कोई अफसर ऑफिस में बैठेगा तो कारण बताना होगा। थाना और चौकी प्रभारी अपने एसपी को कारण बतायेंगे। बीट आरक्षियों को केवल सन्डे के दिन ही नहीं, हर रोज फील्ड में उतारना होगा। रात में पीआरवी, थाना मोबाइल और नाइट अफसर फील्ड में रहेंगे। रात में घटना ना हो, महिलाओं के साथ कुछ नहीं होना चाहिए। उनकी सुरक्षा के लिए काम करने पर जोर देते हुए एसएसपी ने कहा कि अकेली महिला रात में मिले, तो उससे रुककर कारण पूछा जाये, हो सके तो उसको सुरक्षित घर तक छुड़वाने की व्यवस्था पुलिस कर्मी करें। उन्होंने कहा कि रात को शहर से देहात तक पुलिस का सायरन गूंजता सुनाई देना चाहिए। हाईवे पर उन्होंने चैकिंग बेरियर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि जाम लगे, इससे ना घबरायें, कोई संदिग्ध बचना नहीं चाहिए। लड़कों की जामा तलाशी के साथ चैकिंग होनी चाहिए। एसएसपी अभिषेक यादव के इस वायरलैस सेट संदेश का ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।