मुजफ्फरनगर। सर्विस ब्रेक के नोटिस जारी होने पर भी हड़ताल समाप्त नहीं करने पर प्रशासन ने लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष, मंत्री और तहसीलों के अध्यक्ष एवं मंत्री समेत दस लेखपाल को निलंबित कर दिया है।
उधर, लेखपाल संघ ने कार्रवाई को लेखपालों का उत्पीड़न बताते हुए संघ ने अपनी हड़ताल और धरना जारी रखा। सभी ने कहा कि सरकार और प्रशासन की कार्रवाई के आगे लेखपाल झुकने वाले नहीं हैं। लेखपाल संघ ने 11 दिसंबर से प्रदेश व्यापी हड़ताल कर रखी है। आठ मांगों को लेकर लेखपाल सरकार पर दबाव बना रहे हैं। प्रदेश सरकार लेखपालों के आंदोलन के सामने झुकने को तैयार नहीं है। लेखपालों के स्थान पर लिपिकों को गांव आवंटित कर दिए गए हैं। जिले में 498 लिपिकों को लेखपालों का काम दिया गया है। जिला प्रशासन ने शासन के निर्देश पर सभी लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी है। इसी के साथ ही तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। इस अल्टीमेटम पर भी लेखपालों ने हड़ताल समाप्त नहीं की। प्रशासन ने दोबारा से लेखपालों को तीन दिन का समय दिया है। इसी के साथ लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष खचेडू खां और मंत्री अनिल वर्मा के साथ सभी तहसीलों के अध्यक्ष और मंत्री सहित दस लेखपालों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें तहसील सदर अध्यक्ष संजीव मलिक, मंत्री अनिल गौतम, खतौली तहसील अध्यक्ष श्रवण कुमार, मंत्री चंद्रर पाल सिंह, बुढ़ाना तहसील अध्यक्ष ओमप्रकाश, मंत्री ललित मोहन शर्मा व जानसठ तहसील अध्यक्ष मोतीराम और मंत्री विनोद शर्मा के नाम शामिल हैं।
लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष सहित 10 निलंबित